Posts

Showing posts from June, 2021

मौलवी साहब की ग़लतियाँ

आदमी की क़िस्में  आदमी की दो क़िस्में होती हैं: अच्छा और बुरा। मौलवियत पढ़ा हुआ आदमी भी दो तरह का होता है: अच्छा और बुरा। अच्छे मौलवी और बुरे मौलवी, दोनों में एक बात समान होती है। दोनों ने एक ही कोर्स पढ़ा होता है। जिसमें सियासत, डिप्लोमेसी, इकनोमिक्स, मनोविज्ञान और आत्मरक्षा के सब्जेक्ट नहीं होते। इसीलिए हिंद में जब भी कोई मौलवी लीडर बना, वह सियासत के मैदान में फ़ेल रहा है।  मौलवी अच्छा हो या बुरा, वह सियासत के मैदान में आए तो इस मैदान की क़ाबिलियत पैदा करके आए वर्ना वह 'इसकी' या 'उसकी' हिमायत करने से ज़्यादा कुछ नहीं कर पाएगा। अच्छे और बुरे मौलवी, सब आज यही कर रहे हैं। याद रखें कि नेक लोगों को बुरे लोगों का पिछलग्गू बनाने का नाम 'हिदायत की राह' दिखाना और लीडरी करना नहीं होता। (#मिशनमौजले के सदस्य इस लेख को "कापी पेस्ट करने की ज़रूरत को समझें।") अच्छे और बुरे मौलवी में बुनियादी अंतर बुरा मौलवी दूसरे धर्म के लीडरों के वादे पर डील करके अपनी क़ौम से उन्हें वोट दिलवाता है और अच्छा मौलवी भी यही करता है। अपनी क़ौम को दूसरे धर्म के लीडरों के पीछे चलाने में अ...